गौरव बाजपेयी, ब्यूरो चीफ़
पाल का महिलाओं से विवाद* उमेश पाल हत्याकांड के बाद उमेश के घर पहुंची मृतक विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल का वहां की महिलाओं से कुछ विवाद हो गया। देखते ही देखते दोनों ओर से गाली-गलौज और फिर हाथापाई की नौबत आ गई।महिलाओं को आपस में उलझा देखकर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें किसी तरह से संभाला। दरअसल उमेश पाल विधायक राजूपाल के मामा के लड़के हैं और पूजा पाल राजूपाल की पत्नी हैं।राजूपाल की हत्या के कुछ दिन बाद ही पूजा पाल का उमेश के घर आना-जाना बंद हो गया था। उमेश पाल राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह थे। पूजा ने आरोप लगाया था कि उमेश पाल अतीक से मिल गए हैं, इसलिए वह पति की हत्या में गवाह देने में खास रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके बाद ही दोनों परिवारों में खटास पैदा हो गई थी। शुक्रवार को उमेश पाल की हत्या हो गई। शनिवार को उमेश पाल की शव पोस्टमार्टम के लिए गया था।घर पर डेडबॉडी का इंतजार हो रहा था। इसी बीच राजू पाल की पत्नी पूजा पाल वहां सांत्वना देने के लिए पहुंची थीं। बताते हैं कि उमेश पाल के घर पर कई महिलाएं मौजूद थीं। इनमें उमेश की बहन भी थी। पूजा पाल को देखते ही उमेश पाल की बहन ने रुंधे गले से तंज कसना शुरू कर दिया। उमेश की बहन ने पूजा पाल से कहा लोग कहते थे कि अतीक से मिल गया है उमेश्वा। इतना ही सुनते ही पूजा पाल की नोकझोक शुरू हो गई। पूजा ने कहा, मै ऐसे पल पर आई हूं जब इन सब बातों को करने से कोई फायदा नहीं है। इस पर उमेश की बहन ने पलटकर जवाब दिया बोलीं, हम किसी का नाम लेकर नहीं कह रहे हैं। इसके बाद पूजा पाल भड़क गईं और दोनों ओर से गाली-गलौज शुरू हो गई। बात मारपीट तक पहुंच गई।*2017 में उमेश और पूजा के रिश्तों में आई थी खटास*उमेश पाल का विधायक राजू पाल से बहुत करीबी रिश्ता था। दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई थी। उमेश का जुड़ाव रिजवान नींवा से भी था। उमेश और राजू पाल रिजवान नींवा के करीबी हुए तो राजू पाल के शहर पश्चिमी से चुनाव लड़ने की रूपरेखा तैयार हुई। राजू पाल विधायक बन गए तो उमेश साथ काम करने लगे। इसके बाद राजू पाल की हत्या हो गई तो उमेश राजू पाल के परिवार के सबसे करीबी रहे। पूजा पाल से उनकी रिश्तेदारी भी है। कई सालों तक उमेश पूजा पाल के साथ रहे। इसके बाद वर्ष 2017 में उमेश पाल और विधायक पूजा पाल के रिश्तों में खटास आ गई।उमेश ने प्रापर्टी का कारोबार और ठेकेदारी शुरू कर दी। अचानक से दोनों के बीच विवाद हुआ और एक दूसरे से मिलना तक बंद हो गया। बीच में ऐसे हालात हुए कि पूजा पाल ने मीडिया में बयान दिया कि उनका उमेश से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने साफ किया कि उमेश का काम वह जानें, उनके कार्यों से मुझे न जोड़ा जाए। पूजा पाल बसपा छोड़ सपा में चलीं गईं तो भी उमेश ने उन पर टिप्पणी करने से मना कर दिया था। दोनों ही एक दूसरे के बारे में कुछ भी बोलने से बचते रहे।*मुख्यमंत्री की सभा में उमेश ने थामा था भाजपा का दामन*प्रयागराज। राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल में पिछले कुछ समय से राजनीतिक महत्वकांक्षा पनपने लगी थी। वह फाफामऊ से विधानसभा चुनाव लड़ना चाह रहा था। इसके लिए राजनीति दलों के लोगों से नजदीकियां बढ़ाने लगा था। पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उसने कौशाम्बी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं दूसरी ओर भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी ने उमेश पाल की हत्या की निंदा की है। उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाए।