GAURAV BAJPAI
इसी तरह 2014 में जब भाजपा रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीती, तो असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सबसे पहले ईवीएम पर सवाल उठाए और कहा कि भाजपा की जीत ईवीएम की वजह से हुई है।
ईवीएम पर सवाल उठाने वालों का सिलसिला यहीं नहीं रुका। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तो 2017 में चुनाव आयोग के खिलाफ ऐसा बिगुल फूंका कि केजरीवाल के विधायक सौरभ भारद्वाज ने खुलेआम ईवीएम को हैक करने का डेमो तक कर डाला। भारद्वाज ने सदन में बताया कैसे 5-स्टेप में ईवीएम को हैक किया जा सकता है।
2017 में हुए विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सबसे पहले आरोप ईवीएम पर ही लगाया। मायावती ने एक बयान मैं कहा था कि भाजपा की जीत सिर्फ ईवीएम में हुई छेड़खानी की वजह से हुई है। मायावती के साथ-साथ अखिलेश यादव ने भी ईवीएम पर ही आरोप लगाए थे कि केंद्र में भाजपा की सरकार होने के चलते ईवीएम में छेड़खानी हुई नतीजतन उनकी पार्टी चुनाव हार गई।
2017 में हुए गुजरात चुनाव के नतीजों से पहले ही विपक्षों दलों ने ईवीएम में छेड़छाड़ का मुद्दा जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया था। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से लेकर गुजरात कांग्रेस के नेता पहले ही कहने लगे कि अगर भाजपा ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं करती है तो गुजरात में कांग्रेस की जीत पक्की है।