अयोध्या. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अयोध्या के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि राम के बिना अयोध्या, अयोध्या है ही नहीं. अयोध्या तो वही है, जहां राम हैं. इस नगरी में प्रभु राम सदा के लिए विराजमान हैं, इसलिए यह स्थान सही अर्थों में अयोध्या है. इसके अलावा राष्ट्रपति ने राम कथा पार्क में रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए कहा कि रामायण ऐसा विलक्षण ग्रंथ है जो रामकथा के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादाओं को प्रस्तुत करता है. मुझे विश्वास है कि रामायण के प्रचार-प्रसार हेतु उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास भारतीय संस्कृति तथा पूरी मानवता के हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा. राम नाथ कोविन्द ने आज अयोध्या में देश की प्रथम महिला सविता कोविंद,राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, एवं डॉ0 दिनेश शर्मा तथा पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी की गरिमामयी उपस्थिति में अंतर्राष्ट्रीय रामायण कान्क्लेव का उद्घाटन एवं पर्यटन विकास योजनाओं का लोकार्पण किया।इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत की गौरवशाली आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक परम्परा का प्रतिनिधित्व करने वाली अयोध्या प्राचीनकाल से ही धर्म और संस्कृति की परम-पावन नगरी के रूप में सम्पूर्ण विश्व में विख्यात रही है। भगवान श्रीराम की महिमा और महत्ता से जुड़ा मन्दिर वास्तव में ‘राष्ट्र मन्दिर’ है, जो युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा और उनका मार्गदर्शन करता रहेगा।राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अयोध्या धाम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का जो कदम उठाया है, वह सराहनीय है। जब अयोध्या धाम पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा तो यहां पर बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक आयेंगे जिससे राजस्व में वृद्धि भी होगी। पर्यटन का आकर्षण अच्छी सेवाओं से ही बढ़ता है। पर्यटन वहीं फलता-फूलता है जहां मुख्य रूप से पर्यटक के लिएव मैत्रीपूर्ण परम्परा से ओतप्रोत अतिथ्य सत्कार की संस्कृति मौजूद हो। यह हमारी संस्कृति में ‘अतिथि देवो भव’ के रूप में मौजूद है और इसे हमारे पर्यटन अभियानों में प्रयोग भी किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम न केवल भारतीय मूल के लोगों के लिए, बल्कि विदेशियों के लिए भी प्रमुख आकर्षक केन्द्र के रूप में स्थापित हो सके। इसी उद्देश्य से अयोध्या धाम के समेकित विकास हेतु विजन प्लान बनाया गया है। प्रधानमंत्री का सपना है कि जिस प्रकार काशी धाम को उसका भव्य स्वरूप दिया जा रहा है, उसी प्रकार अयोध्या धाम का भी विकास हो।