संविधान के संरक्षक के आगमन पर उड़ाई जा रहीं संविधान की धज्जियां

महामहिम राष्ट्रपति को हमारे संविधान का संरक्षक कहा गया है
किन्तु जब उन्हीं के आगमन पर संविधान के आदर्श मूल्यों मौलिक अधिकारों पर हमले हों तो इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है। यह मामला राष्ट्रपति महोदय के तीन दिनों के लिए वाराणसी आगमन से सम्बन्ध रखता है। वे 15 मार्च को वाराणसी
में कई कार्यक्रमों में भाग लेने आ रहे है। उनके आगमन के बहाने जिला प्रशासन असंवैधानिक कार्यवाहियां कर रहा है। उसकी इस कार्यवाही की जद में राजनैतिक दलों के नेता व उनके कार्यालय आ गये हैं। जिला प्रशासन ने विपक्षी दलों के कार्यालयों की गतिविधियों को ही रोक दिया है। उसने कार्यालयों के भीतर जहां पुलिस का जाना, बैठना और हस्तक्षेप करना एक अवैधानिक कृत्य होता है, वहां
पुलिस का पहरा लगा दिया है। माकपा के दशाश्वमेघ स्थिति कार्यालय की निगरानी के नाम पर पुलिस ने भीतर घुसकर डेला डाल दिया है, जो घोर असंवैधानिक एवं विधि विरूद्ध कार्य है। प्रशासन ने तो कार्यालय के भीतर मौखिक आदेश देकर डेरा डलवा दिया है। पार्टी के नेता मीटिंग आदि नहीं कर पा रहे हैं। माकपा सहित कांग्रेस, सपा आदि के कई नेताओं के घरों पर पुलिस का पहरा बैठाया गया है और उन्हें धमकी भरी नोटिसें दी गयी हैं। जिला प्रशासन का यह कृत्य संविधान द्वारा राजनैतिक दलों को दिये गये अधिकारों में हस्तक्षेप है। माकपा राज्य सचिव मण्डल ने वाराणसी के जिला प्रशासन की इस अवैधानिक कार्य की निंदा करते हुए अविलम्ब पुलिस को पार्टी कार्यालय से बाहर निकालने की मांग की है। पार्टी कार्यालय में तीन दिनों तक इस हस्तक्षेप को सहन नहीं किया जा सकता है। 

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *