GAURAV BAJPAI
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच का मतभेद को लेकर आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य के दो सर्वोच्च संवैधानिक नेताओं ने एक-दूसरे पर भरोसा नहीं किया।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की पीठ ने कहा कि दोनों (मुख्यमंत्री और राज्यपाल) के लिए एक साथ बैठना और मतभेदों को सुलझाना उचित होगा। अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए अधिवक्ता महेश जेठमलानी और सुभाष झा के माध्यम से दायर दो जनहित याचिकाओं की अध्यक्षता करते हुए मौखिक टिप्पणियां कीं। हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद दलीलों को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि प्रक्रिया कानून के समक्ष नागरिकों के समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं करती है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 14 द्वारा गारंटी दी गई है।