रिपोर्ट सुरेन्द्र कुमार वर्मा सीतापुर।
एक ओर यूपी सरकार बेहद वृक्षारोपण कर गिनीज बुक में नाम दर्ज करवा चुकी है। वहीं वर्तमान समय में सिधौली वन रेंज क्षेत्र में वन कर्मचारियों व स्थानीय पुलिस की सरपरस्ती में पर्यावरण बचाओ अभियान दम तोड़ दिया है।
लकड़ी माफियाओं द्वारा चंद नोटों के लालच में आकर क्षेत्र में हरे भरे पेडों पर दिन रात आरा चला कर हरियाली को नष्ट करने का काम किया जा रहा है। फारेस्टर पुलिस और लकड़ी माफिया की जुगलबंदी के कारण सर्किल सिधौली के ग्रामीण क्षेत्रों में हरे भरे प्रतिबंधित पेडों की कटाई लगातार जारी हैं। सिधौली कोतवाली क्षेत्र के ऊंचाखेरा आजई मजरा राजेश्वर दयालपुर गांव निवासी श्रीप्रकाश पुत्र कैलाश के तीन प्रतिबंधित नीम के पेड़ों पर बेखौफ लकडकट्टा सकिर द्वारा कटान किया जा रहा था। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी,
लेकिन सूचना के बाद भी संबंधित विभाग के जिम्मेदारों ने मौके पर पहुंचा मुनासिब नहीं समझा। मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने से पूरे सर्किल भर में लकड़ी तस्कर सक्रिय हैं। दसकों पुराने पेड़ों की कटाई कर लकड़ी बेचकर मालामाल हो रहे हैं। लकड़ी माफिया लकड़ियों को महंगे दर पर बेचकर खजाना भर रहे हैं। उन्हें पर्यावरण संरक्षण से कोई लेना देना नहीं है। विभागीय निष्क्रियता के कारण नीम,आम, महुआ, इमली,गूलर, बरगद पीपल, शीशम,इमारती लकड़ियों को बेधड़क काटा जा रहा है। इसमें सरकार को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है पर पर्यावरण संरक्षण में यह लोग बड़ी बाधा पहुंचा रहे हैं।फिर भी राजस्व एवं वन विभाग दोनों का आमला ऐसे लोगों पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। रेंजर एमपी सिंह को सूचना दी गई।रेंजर ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया है।